बेरोजगारी पलायन अशिक्षा स्वास्थ व्यवस्था का अभाव है बिहार के लोगों का अहम मुद्दा

बेरोजगारी पलायन अशिक्षा स्वास्थ व्यवस्था का अभाव है बिहार के लोगों का अहम मुद्दा
अफसरशाही और भ्रष्टाचार बिहार के लिए सबसे बड़ी चुनौती
रामजी कुमार पूसा समस्तीपुर।
जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की पदयात्रा 11 महीने में प्रवेश कर चुकी है। पदयात्रा के दौरान अपने अनुभव एवं लोगों से मिले अनुभवों को समस्तीपुर के दूधपुरा स्थित जेल मैदान में जिला स्तरीय प्रेस वार्ता कर सार्वजनिक किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि समस्तीपुर जिला का गरीबी एवं बेरोजगारी में बिहार का 17बा स्थान है। बिहार की सबसे बड़ी समस्या को बताते हुए उन्होंने पलायन, बेरोजगारी, अशिक्षा को बताया साथ ही बताया कि शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना इसका मूल कारण है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक की शिक्षा के लिए बच्चों को कोचिंग संस्थान में जाना मजबूरी है जहां उन्हें केवल परीक्षा पास करने लायक ही शिक्षा मिल पाती है ऐसे में बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता नहीं पाते। किसानो पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि बिहार में किसानों के पास 61.5% लोगों के पास खेती करने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है उसमें से कुछ लोगों के पास 2 बीघा से भी कम जमीन है। मात्र चार प्रतिशत किसान के पास ही कृषि योग्य भूमि है। बहुत अधिक संख्या में किसानों के पास खेती के लिए जो भूमि है वह या तो असिंचित है या फिर जलजमाव का शिकार है इसके बावजूद भी किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इस संदर्भ को उन्होंने धान गेहूं के समर्थन मूल्य का उदाहरण देते हुए अस्पष्ट किया। एवं पंजाब का उदाहरण दिया। केवल उचित कीमत नहीं मिलने के कारण प्रतेक वर्ष बिहार के किसानों को 20 से 25 हजार करोड रुपए का नुकसान होता है। किसानों को सुदृढ़ करने के लिए उन्होंने भूमि सुधार को 75 वर्षों से नहीं करने की बात कहीं। प्रेस वार्ता के दौरान केंद्र सरकार के पांच महत्वाकांक्षी योजनाएं जन वितरण, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता आदि योजनाओं में हो राह दिखावा को बताया साथ ही हर योजना में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए कहा कि मैं अभी तक 3500 गांव का भ्रमण कर चुका हूं। जिसमें मैंने पाया है कि शौचालय बस कागजों पर या फिर नाम के बने हैं। इनका उपयोग बिल्कुल होता हुआ नहीं दिखा। मनरेगा पर भी उन्होंने बताया कि 60% धनराशि हम बिहार ला हीं नहीं पाते केवल 40% धनराशि बिहार आती है। जिसमें भी बड़े अस्तर पर अनियमितता और लूट है। खाद्यान्न योजना में विधायकों के प्रतिशत को भी उजागर कर दिया। एवं लगभग सभी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के प्रति सबको उजागर किया। साथ ही अफसर शाही को बिहार के लिए बड़ी मुसीबत बताया भ्रष्टाचार पर भी उन्होंने बात की। सवाल करने पर उन्हें जवाब दिया कि विपक्षी एकता का चल रहा कार्यक्रम एक दिखावा है जो कहीं से भी सफल होता हुआ नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व पर खुला कंठ से प्रहार किया। स्थानीय जनप्रतिनिधि को चुनने की बात कहीं। उन्होंने बिहार में बंद पड़े उद्योग रोजगार के सहित विभिन्न मुद्दों पर बात की। एक बार शिक्षा के लिए अपने बच्चों के लिए वोट करने पर जोड़ दिया है।