कोरोना को लेकर जिला प्रशासन की सभी वादे फूस-फूस, मानक से ज्यादा सवारी को लेकर चल रही है लंबी दूरी की बसे, कोरोना गाइड लाइन फेल,

Apr 8, 2021 - 22:47
Apr 9, 2021 - 06:17
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कोरोना को लेकर जिला प्रशासन की सभी वादे फूस-फूस, मानक से ज्यादा सवारी को लेकर चल रही है लंबी दूरी की बसे, कोरोना गाइड लाइन फेल,

सागर कुमार,,सीतामढी,,

सीतामढी (रुन्नीसैदपुर) :- कोरोना संक्रमण की आक्रामकता एक बार फिर चरम की ओर बढ़ती जा रही है। बाबजूद लोग कोरोना से भयभीत होने की जगह तो दूर लोग इसके वजूद को ही मानने को तैयार नहीं हैं। वे तब तक इसे नहीं मानेंगे जब तक वे स्वयं संक्रमित नहीं हो जाते हैं । मास्क से चेहरे 

को ढ़कने व दो गज की आपसी दूरी को बनाए रखने

जैसे महत्वपूर्ण नियमों के पालन को लेकर लोग गंभीर नहीं दिख रहे हैं। बस अथवा बस स्टैंड यानी सभी अब्लिक पैलेस में मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। बसों में सीटों की संख्या के हिसाब से हीं लोगों को सफर करने की अनुमति दी गई है । हालांकि, बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों के सफर करने की बात सरेआम देखे जा रहे है ।बसों

में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जिन्होंने मास्क नहीं पहन रखा है। बगैर मास्क पहन कर बसों में सफर कर स्वयं के साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी खतरे में लोग डाल रहे हैं । बसें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मुंबई, समेत अन्य बड़े शहरों से लगातार पहुंच रही है। जिसमे मानक से अधिक सवारी होती है। स्थानीय बस स्टैंड पर जांच की कोई व्यवस्था नहीं है और नहीं इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।

रही है ।बीडीओ धनंजय कुमार के अनुसार इन बसों में सफर कर रहे यात्रियों के चेहरे पर मास्क की चेकिंग के लिए जिले के प्रवेश द्वार पर कोरलहिया में चेकपोस्ट बनाए गये हैं।हालांकि, यह भी स्पष्ट किया कि संसाधन के अभाव में इन यात्रियों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं की जा सकी है । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अमृत किशोर के अनुसार हॉस्पिटल तक पहुंचने वालों के लिए कोरोना टेस्ट की व्यवस्था है। लेकिन दूसरे प्रदेशों से आने वाले मुसाफिरों के लिए सड़क अथवा बस पड़ाव पर टेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है ।जब दूसरे प्रदेश से आने वाले इन यात्रियों की सेहत की हीं जांच की व्यवस्था हीं नहीं तो ट्रेसिंग अथवा मॉनिटरिंग की बात बेमानी है। बस पड़ाव के साथ-साथ सब्जी मंडी क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही खुलेआम बरती जा रही है। कहीं भी

सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं है। खास यह भी कि मास्क की अनिवार्यता को लेकर स्थानीय पुलिस अथवा प्रशासनिक अधिकारी भी गंभीर नहीं हैं ।

कोरोना की भयावहता को लेकर जागरूकता की बात तो दूर अधिकारियों को इस ओर देखने की भी फुर्सत नहीं है ।चेहरे पर मास्क लगाने अथवा दो गज की दूरी जैसे नियमों के अनुपालन के सवाल पर यात्रियों की चुप्पी हीं उनके जबाब के लिए काफी है।

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