घोड़ासहन : अवैध क्लीनिक में गर्भवती की मौत में आया नया मोड़, डॉक्टर को मिलेगा बेल और अब पति को होगा जेल

अवैध क्लिनिक में गर्भवती की मौत के बाद काफी हो हंगामा हुआ। डॉक्टर व मरीज के परिजनों के बीच ताल मेल का खेल भी खूब चला। लेकिन अंत में मृतका के पति सुनील कुमार दास के आवेदन पर थाना द्वारा कांड संख्या 577 / 23 दर्ज कर संचालक कथित डॉक्टर कम्पाउंडर को हिरासत भेज दिया गया। मामले में पति श्री दास ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर ..........

घोड़ासहन : अवैध क्लीनिक में गर्भवती की मौत में आया नया मोड़, डॉक्टर को मिलेगा बेल और अब पति को होगा जेल
घोड़ासहन : अवैध क्लीनिक में गर्भवती की मौत में आया नया मोड़, डॉक्टर को मिलेगा बेल और अब पति को होगा जेल

पूर्वी चम्पारण, बिहार। डॉक्टर की लापरवाही से गर्भवती की मौत :- अवैध क्लिनिक में गर्भवती की मौत के बाद काफी हो हंगामा हुआ। डॉक्टर व मरीज के परिजनों के बीच ताल मेल का खेल भी खूब चला। लेकिन अंत में मृतका के पति सुनील कुमार दास के आवेदन पर थाना द्वारा कांड संख्या 577 / 23 दर्ज कर संचालक कथित डॉक्टर कम्पाउंडर को हिरासत भेज दिया गया। मामले में पति श्री दास ने बताया कि प्रसव पीड़ा होने पर घोड़ासहन कॉलेज गेट के पास रागनी सेवा सदन में लाया गया। जहाँ डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता की मौत हो गयी। पति की पिटाई से गर्भवती की मौत :- अब इधर मृतका के मायके पक्ष के द्वारा एस पी को दिए गए आवेदन पर गौर करें तो यह नया मोड़ ले सकता है। हालांकि बहुत कुछ मेडिकल पोस्टमार्टम पर भी निर्भर है। मायके पक्ष पताही थाना क्षेत्र के चम्पापुर टोला इनरवाबादी निवासी मृतका की माँ देवंती देवी के द्वारा पूर्वी चम्पारण एस पी को दिए गए आवेदन में ससुराल पक्ष पर दहेज़ प्रताड़ना का आरोप लगाया है। अपने आवेदन में श्री देवी ने बताया कि मृतका रंजू देवी की शादी 15 जून 2019 को झरोखर थाना क्षेत्र के पीठवा निवासी बिग दास के पुत्र सुनील दास के साथ सामर्थ्य के अनुसार करीब 5 लाख दान दहेज़ देकर किया था। शादी के कुछ दिनों बाद से ही ससुराल वाले दहेज़ में बुलेट व सोने का चैन देने के लिए प्रताड़ित करने लगे। इसको लेकर पीठवा में पंचायती भी हुई। इधर 30 सितम्बर को भी मृतका रंजू ने फ़ोन पर बताया कि ससुराल वाले इलाज के अभाव में मार डालने की धमकी भी दे रहें हैं। उसी रात रंजू को बुरी तरह पीटा भी गया। पेट पर लात से मारा गया। जिससे अधिक ब्लीडिंग होने लगी। बेहोश होने पर घोड़ासहन के रागनी सेवा सदन में भर्ती कराया गया। सुचना पर देखने के लिए वहां पहुंची, उससे पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर का होगा बेल और पति जायेगा जेल :- अब सवाल यह है कि सत्य क्या है ? क्या वाकई डॉक्टर के लापरवाही से मौत हुई ? या फिर पति के मार से ? जो भी हो एक बात तो साफ़ है कि यदि मृतका की माँ द्वारा एस पी को दिए आवेदन को सत्य माना जाये तो इसमें डॉक्टर का कोई दोष नहीं, क्योंकि मौत पिटाई से हुई और इसमें पति व ससुराल पक्ष दोषी है। इस आधार पर डॉक्टर को बेल और पति को जेल हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही बहुत कुछ पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी निर्भर है। अब सभी की नजर इस रिपोर्ट पर टिकी है और इसको लेकर सम्बंधित पक्ष द्वारा रिपोर्ट को बदलने और अपने पक्ष में करने का प्रयाश भी जारी होने की बात सामने आ रही है। इस तरह अवैध क्लिनिक के लापरवाह डॉक्टर के पक्ष में खुद मृतका की माँ खड़ी है तो मृतका के पति डॉक्टर के विपक्ष में। ऐसे में पुलिस के लिए भी चुनौती उत्पन्न हो गयी है।