घोड़ासहन: वीरता चौक घर में काम कर रहे मजदूर की करेन्ट से मौत, रूपयों से दफ़नाने की तैयारी

घोड़ासहन थाना क्षेत्र में करेन्ट से मौत का सिलसिला जारी है। अभी बसवरिया चिउरा मिल में करेन्ट से मरने की घटना चर्चा में ही थी कि घोड़ासहन के विरता चौक अवस्थित एक निर्माणाधीन भवन में करेंट से एक मजदूर की मौत होने की बात बताई जा रही है। घटना आज शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उक्त मजदूर काम कर रहा था, तभी करेंट.........

घोड़ासहन: वीरता चौक घर में काम कर रहे मजदूर की करेन्ट से मौत, रूपयों से दफ़नाने की तैयारी

पूर्वी चम्पारण, बिहार।

घोड़ासहन थाना क्षेत्र में करेन्ट से मौत का सिलसिला जारी है। अभी बसवरिया चिउरा मिल में करेन्ट से मरने की घटना चर्चा में ही थी कि घोड़ासहन के विरता चौक अवस्थित एक निर्माणाधीन भवन में करेंट से एक मजदूर की मौत होने की बात बताई जा रही है। घटना आज शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उक्त मजदूर काम कर रहा था, तभी करेंट की चपेट में आ गया। मृतक का नाम जितना थाना क्षेत्र के झंझरा निवासी रामनाथ साह के पुत्र तारा चन्द्र के रूप में बताया जा रहा है। इस घटना को भी बसवरिया चिउरा मिल की घटना की तरह रूपयों से दफ़नाने का प्रयास किया गया। इसके लिए स्थानीय कुछ नामचिन लोगों ने अपनी अहम भूमिका भी निभाई। कथित तौर पर मामला सेट भी हो गया। परन्तु कुछ समाजसेवियों को मौत का पैसा नागवार लगा और मिडिया कर्मियों में इस बात को उजागर कर दिया। आनन फानन में पुलिस ने शव को कब्जे में कर लिया और पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराने की बात कही जा रही है।

 मृतक के पिता राम नाथ साह ने बताया कि उनके पुत्र का उम्र 12 वर्ष से कुछ अधिक होगा। वह पिछले कुछ वर्षो से काम कर रहा था। पिता को मिले जानकारी के अनुसार आज वह वीरता चौक के किसी धर्मेंद्र नामक ब्यक्ति के यहाँ कुदाल से काम कर रहा था। तभी उसे गर्मी महशुस हुआ और पंखा का हवा खाने उनके घर में पहुंचा। वहां पड़े स्टेण्ड फैन को लाइन में लगाया। तभी स्टेण्ड फैन उसके ऊपर गया। फैन गिरने के बाद वह बेहोश हो गया। जिसे डॉक्टर के पास लाया गया। जहाँ डॉक्टर ने बताया कि इसकी मौत हो चुकी है।

अब सवाल यह है कि क्या मजदूर की उम्र वाकई 12-13 वर्ष थी? यदि हां तो इसमें मामला किस पर बनता है - झंझरा निवासी मजदूर के पिता पर या काम पर लगाने वाले सुन्दरपुर के ठीकदार पर या काम करा रहे मकान मालिक पर। हालाकि तीनों कानुनी घेरे में हैं। जब तक कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट न मिल जाए। क्योंकि उम्र व मौत के कारण का निर्धारण पोस्टमार्टम ही तय करेगी। बहरहाल सब की नजर पुलिस प्रशासन पर टिकी है। देखना यह है कि पुलिस अपना फर्ज किस तरह निभा रही है।