गुड़िया साह और विक्की मण्डल को मिला मिला प्राइड ऑफ यंग हिन्दुस्तान अवार्ड........

पंडौल प्रखंड के सरिसब-पाही गाॅव के अयाची नगर युवा संगठन के संस्थापक विक्की मंडल और हरलाखी के गुड़िया साह को राष्ट्रीय युवा विनिमय कार्यक्रम में मुम्बई में उत्कृष्ट सामाजिक कार्य के लिए मुंबई में यंगिस्तान फाउंडेशन के द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्राइड ऑफ यंग हिंदुस्तान अवॉर्ड से सम्मानित किया गया । फाउंडेशन के संस्थापक मिथलेश झा ने बताया इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से 30 युवा समाजसेवी जो अपने क्षेत्र में समाज के लिए अच्छा कार्य कर रहे है
उन हस्तियों को हमलोगों ने प्राइड ऑफ यंग हिन्दुस्तान अवार्ड से उन्हें नवाजा है ।
बता दे की विक्की मंडल सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हैं। पर्यावरण, सामाजिक जागरूकता, शिक्षा क्षेत्र आदि में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
विक्की ने अबतक कई बार रक्तदान भी किया है । एवं अधिक से अधिक लोगों को जागरूक भी कर रहे है ।साथ ही कोरोना काल में काल में जब देश की संपूर्ण जनता अपने अपने घरों में थी ।उस विकट समय में इस विक्की और उनके टीम के सदस्यों ने अपनी जान की परवाह न करके जो उल्लेखनीय मानव सेवा की है वह सदैव अविस्मरणीय रहेगी ।
इस कार्य को लेकर हाल में ही इन्हें महाराष्ट्रा सदन दिल्ली में नेशनल कोरोना वॉरियर से सम्मानित किया गया ।
मौके पर विक्की ने कहा यह सम्मान मैं अपने अयाची नगर युवा संगठन के सभी सदस्यों साथ साझा करना चाहता हूं। क्योंकि ये सब उनके कारण ही संभव हो पाया है ।
उधर दूसरी ओर हरलाखी प्रखण्ड के उमगाँव की गुड़िया साह समाज में व्याप्त अश्लीलता के खिलाफ 2018 ई. में एक "आयरन गर्ल" बनकर उभरी और लड़कियों पर फब्ती कसनेवाले कई शोहदों को जेल की हवा खिलवा दी ।
गुड़िया गरीब लोगों की बस्तियों में जाकर उन्हें महिला स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सफाई , पर्यावरण संरक्षण , बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे - बाल-विवाह, यौन हिंसा आदि के प्रति जागरूक करती।
2020 ई. में जब पूरे विश्व पर कोरोना का संकट छाया और भारत पूरे लॉक डाउन की स्थिति में मार्च में आ गया तब विक्की मण्डल और गुड़िया साह ने अपने-अपने क्षेत्र में समाजसेवा में दिनरात एक कर दिया ।
बाहर से आनेवाले लोग जब अपने-अपने घरों में बीमारी के डर से जब दुबक कर बैठने को मजबूर हो गए और गरीबों के घरों में चूल्हे जलने की समस्या आ खड़ी हुई तब गुड़िया साह अपनी गिनी-चुनी सहेलियों के साथ उन घरों में राशन की व्यवस्था में लगी थी । समाज के उच्च तबके और व्यवसायी वर्ग से चन्दा लेकर और फिर राशन का सामान, मास्क और साबुन खरीदकर गुड़िया ठेलेपर लादकर खुद ठेला खींचती हुई उन गरीब और जरूरतमंदों के बीच पहुँचती थी जिनके घर चूल्हा जलना बन्द हो गया था ।
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