लता मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि के मौके पर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बिहार के गंगा तट पर उन्हें खूबसूरत अंदाज में ट्रिब्यूट दिया

मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण: मेरी आवाज ही ही मेरी पहचान हैं, अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाली सुरो की देवी स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज पहली पुण्यतिथि है। पिछले साल 6 फरवरी को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन आज भी वह अपने चाहने वालों के दिलों में हैं। लगा मंगेशकर की.................

लता मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि के मौके पर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बिहार के गंगा तट पर उन्हें खूबसूरत अंदाज में ट्रिब्यूट दिया

06 फरवरी 2023, सोमवार।
मोतिहारी, पूर्वी चम्पारण: मेरी आवाज ही ही मेरी पहचान हैं, अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाली सुरो की देवी स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज पहली पुण्यतिथि है। पिछले साल 6 फरवरी को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन आज भी वह अपने चाहने वालों के दिलों में हैं। लगा मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि के मौके पर सोमवर को इंटरनेशल सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने बिहार के गंगा तट पर उन्हें खूबसूरत अंदाज में ट्रिब्यूट दिया है।  

बिहार गंगा तट पर लता मंगेशकर की रेत से बनाई गई यह मूर्ति करीब 6 फीट ऊंची है। और इसके साथ लिखा है, ओम शांति लता जी को श्रद्धांजलि, मेरी आवाज ही पहचान है। वहीं, इसमें बहुत ही कम रंगों का इस्तेमाल किया गया। लता मंगेशकर को दिए गए इस ट्रिब्यूट को फैंस भी काफी पसंद कर रहे हैं और स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

बता दें कि पिछले साल लता मंगेशकर कोरोना से संक्रमित थीं, जिसके बाद उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद लंबी बीमारी के बाद 6 फरवरी को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। ज्ञात हो कि लता मंगेशकर को 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है।

वहीं हर खास मौके पर अपनी कला से करोड़ों लोगों के दिल पर राज करने वाले सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र की कलाकृति को देखने के लिए मौके पर उपस्थित शिक्षाविद्, राजनैतिक हस्तियां समेत सैकड़ों के तादाद में पहुंचे आम लोगों ने भी कलाकृति की प्रशंशा करते बालू से बनी लता दी की तस्वीर पर फूल अर्पित करते श्रद्धांजलि दी।