जीतेगी पार्टी हारेगी जनता

जीतेगी पार्टी हारेगी जनता

18वीं लोकसभा का चुनाव देश में लगभग आधा संपन्न हो गया है कई जिलों में भी छठे चरण का चुनाव को लेकर प्रशासनिक सभी आवश्यक तैयारियां जोरों पर है। लिखने और कहने को अनेक मुद्दे और बातें हैं ,पर वर्तमान सच्चाई यह है कि दशकों पूर्व हम जिन मुद्दों से लड़ रहे थे अब वह मुद्दे अपने नए स्वरूप में सभी के सामने है और समाधान किसी के पास नहीं है।

जमीनी आवश्यकता रोटी ,कपड़ा ,मकान, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय से दशकों पहले हम अपने जीवन में उनकी अनुपस्थिति से लड़ रहे थे अब हम उनकी उपस्थिति के बावजूद उनकी लागत को ना उठा पाने से लड़ रहे हैं ।

आज प्रत्येक आदमी इन मुद्दों के नए स्वरूप से लड़ रहा है और बिना किसी भेदभाव या पक्षपात के आसानी से कहा जा सकता है कि "जीतेगी पार्टी, हारेगी जनता"

क्योंकि इन समस्याओं ने इतना विकराल बना लिया है जिसका समाधान करने की शायद ही कोई सोचे, आज चुनाव हो रहे हैं ,आगे भी होते रहेंगे ,एक दो नहीं बल्कि ऐसी अनेकों बातें आएगी और जाएगी, जो सभी को आश्चर्यचकित कर देगी।

पर यह भी अमिट सत्य है कि इन अव्यवस्था के लिए सिर्फ एक पार्टी या राजनीतिक दल जिम्मेदार नहीं है बल्कि शासन करने वाला प्रत्येक शख्स जिम्मेदार है ,जिसने इन मुद्दों से लड़ने के लिए समय पर सही कार्रवाई नहीं की।

Prince Kumar