पटना : माले के सभी विधायकों ने इलाकों में किया कैंप, जनता के सवालों को किया इकट्ठा, बदलो बिहार महाजुटान की सफलता को लेकर की बैठक
रामजी कुमार। पटना। विधानसभा सत्र के मद्देनजर भाकपा-माले विधायक दल की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में ‘बदलो बिहार महाजुटान’ के तहत उठाए जा रहे मुद्दों और आंदोलनकारी ताकतों के सवालों को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाने की रणनीति पर चर्चा की गई। विधायक दल ने कहा कि भाजपा-जदयू सरकार का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है, और बिहार की ....

माले के सभी विधायकों ने इलाकों में किया कैंप, जनता के सवालों को किया इकट्ठा, बदलो बिहार महाजुटान की सफलता को लेकर कि बैठक।
बदलो बिहार का एजेंडा अब राज्यभर में सुनाई दे रहा है और यह आवाज विधानसभा में भी गूंजेगी।
रामजी कुमार।
पटना। विधानसभा सत्र के मद्देनजर भाकपा-माले विधायक दल की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में ‘बदलो बिहार महाजुटान’ के तहत उठाए जा रहे मुद्दों और आंदोलनकारी ताकतों के सवालों को विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाने की रणनीति पर चर्चा की गई। विधायक दल ने कहा कि भाजपा-जदयू सरकार का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है, और बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है। यह समय राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने का है। बैठक में माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, सचेतक अरुण सिंह, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संदीप सौरभ, गोपाल रविदास, महानंद सिंह, अमरजीत कुशवाहा, एमएलसी शशि यादव, रामबलि सिंह यादव समेत कई विधायक और पार्षद उपस्थित थे।
हालांकि कुछ विधायक क्षेत्रीय कार्यों के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सके। माले राज्य सचिव कुणाल और पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा भी बैठक में उपस्थिति रहे। विधायक दल ने इस बार विधानसभा में जनांदोलनों से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाने का निर्णय लिया है। इसमें विशेष रूप से जीविका कार्यकर्ताओं, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, रसोइयों, माइक्रोफाइनेंस से प्रभावित महिलाओं, रात्रि प्रहरी, विद्युत मानव बल, ग्रामीण चिकित्सकों, लाइब्रेरियन, फार्मासिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सहायक उर्दू अनुवादक, होमगार्ड, बेलट्रोन संचालित कार्यपालक सहायक, जेपी सेनानी, स्वच्छता कार्यकर्ता, चौकीदार संघ, किसान सलाहकार और अन्य संघर्षरत श्रमिकों के मुद्दे शामिल हैं। इन मुद्दों को एकत्रित किया जा रहा है, और इन्हें विधानसभा में उठाकर सरकार से जवाब मांगने की योजना बनाई गई है।
इसके अलावा, पर्चाधारियों की बेदखली, मुसहर समुदाय पर बढ़ते हमले, हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज की स्थापना, सिकमी बटाईदारों को उनका पुश्तैनी हक, सभी गरीब परिवारों को एकमुश्त 2 लाख रुपये देने, 2013 के रेट के अनुसार भूमि अधिग्रहण का मुआवजा देने, वृद्धावस्था और विधवा पेंशन 3000 रुपये करने, सभी जरूरतमंदों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने जैसे महत्वपूर्ण सवालों पर भी चर्चा की गई। इन सवालों को विधानसभा में उठाने की रणनीति पर विस्तार से विचार किया गया। माले विधायक दल ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘बदलो बिहार’ का एजेंडा अब राज्यभर में सुनाई दे रहा है और यह आवाज विधानसभा में भी गूंजेगी। इसके साथ ही महाजुटान में स्नेहा कुशवाहा बलात्कार-हत्याकांड और जमुई में मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा के पाठ के जरिए उन्माद फैलाने की साजिश को भी प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा। स्नेहा कुशवाहा कांड, भाजपा-जदयू सरकार के तहत महिलाओं की सुरक्षा और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति नकारात्मक रवैये को बेनकाब करता है।
भाजपा-जदयू शासन में न तो महिलाएं सुरक्षित हैं और न ही अल्पसंख्यक समुदाय। महाजुटान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में कैंप कर दिया है। वे वहां लगातार ग्रामीण बैठकों का आयोजन कर रहे हैं और स्थानीय मुद्दों पर विभिन्न आंदोलनों से जुड़े लोगों से संवाद कर रहे हैं। महाजुटान में अब तक कई संगठन अपने-अपने बैनर से शामिल होने की घोषणा कर चुके हैं, जिनमें सिकरहना तटबंध संघर्ष समिति, बेतिया राज भूमि अधिकार संघर्ष मोर्चा, चौकीदार-दफादार संघ, सिवान में रामजानकी पथ और भारतमाला परियोजना के तहत उचित भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की मांग करने वाले किसान, सहारा निवेशक समूह और अरवल में भूदान भूमि बचाओ संघर्ष समिति प्रमुख हैं।
माले विधायक दल ने यह भी निर्णय लिया है कि ऐसे संगठनों की एक सूची तैयार की जा रही है, और उनसे संपर्क करके महाजुटान में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। मुस्लिम समुदाय की भागीदारी को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के बीच अलग से बैठकें आयोजित करेंगे, ताकि उनकी समस्याओं और मांगों को भी सही तरीके से प्रतिनिधित्व मिल सके।
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