समस्तीपुर : ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से होगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत
रामजी कुमार। समस्तीपुर। पोषक अनाज मूल्य श्रृंखला उत्कृष्टता केंद्र, डॉ. रा. प्र. कें. कृ. वि. वि., पूसा द्वारा ग्रामीण उद्यमशील महिलाओं के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 01.03.2025 से प्रारंभ होकर 03.03.2025 तक चलेगा। इस कार्यक्रम में समस्तीपुर एवं मुजफ्फरपुर आधारित प्रयत्न NGO से कुल पैंतीस (35) किसान प्रतिभाग .....
ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से होगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत।
ग्रामीण उद्यमशील महिलाओं के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ।
रामजी कुमार।
समस्तीपुर। पोषक अनाज मूल्य श्रृंखला उत्कृष्टता केंद्र, डॉ. रा. प्र. कें. कृ. वि. वि., पूसा द्वारा ग्रामीण उद्यमशील महिलाओं के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 01.03.2025 से प्रारंभ होकर 03.03.2025 तक चलेगा। इस कार्यक्रम में समस्तीपुर एवं मुजफ्फरपुर आधारित प्रयत्न NGO से कुल पैंतीस (35) किसान प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, डॉ. उषा सिंह, डीन, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय ने किया । उद्घाटन भाषण के दौरान डॉ. सिंह ने कहा की ऐसे प्रशिक्षण से भविस्य में बहुयामी परिणाम देखने को मिलेंगे। श्री अन्न आधारित मूल्य संवर्धित उत्पाद के विकाश से भोजन में विविधता आएगी, जिससे कुपोषण से लड़ना आसान होग। इसके साथ ही कुटीर एवं लघु उद्योग का विस्तार होगा, ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
वहीं परियोजना की सह-अन्वेषिका प्रो. (डॉ.) पुष्पा सिंह ने मिल्लेट्स में मूल्य संवर्धन पर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया की श्री अन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों के समृद्ध स्रोत एवं जलवायु सहिष्णु हैं। श्री अन्य का उपयोग करके इनके बहुत सारे मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाए जा सकते हैं। मूल्य संवर्धन से इनके उत्पादों का विविधीकरण कर भोजन और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ आजीविका सुरक्षा को बल प्रदान किया जा सकता है। अतः बिहार में इन फसलों के रकबा और उत्पादन बढ़ाये जाने की जरुरत है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम की रूपरेखा डॉ. गीतांजलि चौधरी, वरिये वैज्ञानिक, खाद्य एवं पोषण ने तैयार की है। डॉ. चौधरी ने बताया की इस प्रक्षिक्षण का मुख्य उद्देस्य ग्रामीण उद्यमशील महिलाओं को मिल्लेट्स के विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पादों की जानकारी मुहैया करना, उन्हें बनाने की कला सिखाना और उन उत्पादों को एक स्वस्थ लोकप्रिय आहार के रूप में समाज में प्रस्थापित करना है।
मिल्लेट्स को आहार में शामिल करने से हमें बहुत सारी जीवन शैली से संबंधित रोग जैसे, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा इत्यादि को दूर रखने में मदद मिलती है। प्रशिक्षण के दौरान मिल्लेट्स के बहुत सारे मूल्य संवर्धित खाद्य उत्पाद जैसे रागी लड्डू, प्रसंस्कृत माल्टेड रागी आटा, बाजार लाई, सावां खीर, मिल्लेट्स आधारित बिस्किट इत्यादि बनाना सिखाया जाएगा। लोग इन खाद्य पदार्थों को दैनिक भोजन में शामिल कर आहार में विविधता ला सकते हैं। मूल्य संवर्धन उपभोक्ताओं के पोषण सुरक्षा तथा ग्रामीण परिवारों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के साथ-साथ उनका जीवन स्तर सुधारने में भी सहायक होगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को मिल्लेट्स के प्राथमिक प्रसंस्करण और द्वितीयक प्रसंस्करण की गतिविधियां भी बताई जाएंगी।
प्रशिक्षण के बाद ये ग्रामीण महिलाएं समूह बनाकर मिल्लेट्स का लघु स्तरीय प्रसंस्करण करके मूल्य संवर्धित उत्पाद बना सकती हैं जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी तथा ग्रामीण लघु-उद्योगों की स्थापना को भी गति मिलेगी। कार्यक्रम में मंचन संचालन डॉ. ऋतम्भरा सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गीतांजलि चौधरी ने किया। उक्त अवसर पर पोषक अनाज मूल्य श्रृंखला उत्कृष्टता केंद्र से सम्बद्ध सभी वैज्ञानिक, कर्मचारी, जे. आर. एफ., एस. आर. एफ., यंग प्रोफेशनल्स एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
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