समस्तीपुर : पूसा कृषि विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी ने किया उद्घाटन
रामजी कुमार। समस्तीपुर/पुसा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के खेल मैदान आयोजित में शनिवार से शुरू हुए और सोमवार तक चलने वाले तीन दिवसीय किसान मेले का उद्घाटन कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक, बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश्वर हजारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मौजूद कृषि वैज्ञानिक व किसानों को संबोधित.......

पूसा कृषि विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी ने किया उद्घाटन।
कुलपति से किया स्थानीय लोगों को विश्वविद्यालय में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार के अवसर देने की बात।
स्थानीय समस्याओं से भी कराया कुलपति को इशारों इशारों में अवगत।
रामजी कुमार।
समस्तीपुर/पुसा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के खेल मैदान आयोजित में शनिवार से शुरू हुए और सोमवार तक चलने वाले तीन दिवसीय किसान मेले का उद्घाटन कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक, बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश्वर हजारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मौजूद कृषि वैज्ञानिक व किसानों को संबोधित करते हुए मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि पुसा की धरती पर आकर मैं हमेशा से अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता रहा हूँ। पुसा की मिट्टी काफी उपजाऊ हैं। विवि के कुलपति डॉ. पांडेय के मार्गदर्शन में पुसा विवि के वैज्ञानिक काफी बेहतर काम कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों के आग्रह को कुलपति को बताते हुए मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थानीय लोगों को कम करने का अवसर दिया जाए। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा में शनिवार से शुरू हुए और सोमवार तक चलने वाले तीन दिवसीय किसान मेले का उद्घाटन कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक, बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश्वर हजारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मौजूद कृषि वैज्ञानिक व किसानों को संबोधित करते हुए मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि पुसा की धरती पर आकर मैं हमेशा से अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता रहा हूँ।
पुसा की मिट्टी काफी उपजाऊ हैं। विवि के कुलपति डॉ. पांडेय के मार्गदर्शन में पुसा विवि के वैज्ञानिक काफी बेहतर काम कर रहे हैं।डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पुसा में चल रहे तीन दिवसीय किसान मेला में देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे कृषक, कृषक उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए विवि के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने कहा की कृषि अब पारंपरिक न रहकर नए और नवीनतम तकनीकों पर आधारित हो गई हैं।
नए नए कृषि तकनीकों के बदौलत आज किसानों के फसलों का उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ उनकी आमदनी भी बढ़ी हैं। कुलपति ने पांच म का मंत्र देते हुए कहा कि विवि मसाला, मछली, मखाना, मशरूम और मीडिया सेंटर के क्षेत्र में काफी बेहतर काम कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि मसाला के क्षेत्र में विवि काफी बेहतर काम कर रहा हैं। खासकर समस्तीपुर जिला हल्दी के उत्पादन के लिए बेहतर है। उन्होंने मछली उत्पादन पर बोलते हुए कहा कि समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी सहित बिहार का ज्यादातर उत्तरी हिस्सा जल से घिरा है।
इन जगहों पर प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध है। इन जगहों का सही उपयोग कर मछली पालन से किसानों को अच्छा लाभ पहुँचाने के लिए विवि कार्य कर रहा है। मखाना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में बिहार को मिले मखाना बोर्ड से मखाना उत्पादको को काफी लाभ पहुँचेगा। विवि के वैज्ञानिक मखाना उत्पादन से जुड़े क्षेत्रों में पहुँचकर भी अच्छा काम कर रहे हैं। मशरूम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि विवि के प्रयासों के कारण आज मशरूम उत्पादन में बिहार नंबर 1 की जगह पर पहुँच गया हैं। मशरूम के विभिन्न उत्पादों के अलावे नई तकनीक से बनाएं जा रहे मशरूम पनीर पर भी जोर शोर से काम चल रहा हैं। अंतिम म यानी मीडिया सेंटर के बारे में उन्होंने बताया कि मीडिया सेंटर के तहत विवि में रेडियों स्टेशन की शुरुआत की गई हैं। इस रेडियों स्टेशन के माध्यम से किसानों को मौसम, कृषि की उन्नत तकनीक, पशुपालन, मौजूदा समय में लगे विभिन्न फसलों से संबंधित सुझाव आदि ससमय किसानों को दिए जाएंगे।बिहार राज्य विवि सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. गिरीश चौधरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज देश दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए आज सरकार और विभिन्न संस्थाओं के द्वारा लाखों-करोड़ो पेड़ भी लगाएं जा रहे हैं लेकिन इन पेड़ो को बचाने के लिए कोई खास पहल नही की जा रही हैं। लगाएं गए पेड़ो को बचाने के लिए विशेष रूप से योजना बनाने की जरूरत हैं। पटना विवि के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि ईश्वर ने सभी लोगो में कुछ न कुछ गुण दिए हैं। इन गुणों को आधार बनाकर किसान कृषि में कुछ नया कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज जलसंकट का दौर शुरू हो गया हैं। पानी के दुरुपयोग के कारण आज के समय में सरफेस वॉटर जहाँ लगभग खत्म हो गए हैं।
वही ग्राउंड वाटर का लेवल भी लगातार कम होता जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी पानी के बर्बादी को रोकने के लिए पहल करने की जरूरत हैं। मुजफ्फरपुर निवासी पदम श्री किसान चाची राजकुमारी देवी ने कहा किसी की फसल की खेती किसानों को संगठित होकर करने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि खेती- किसानी हो या कोई अन्य काम कोई भी काम छोटा नही होता हैं। छोटे से छोटे काम को भी शुरू कर सफल होने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा अचार बनाने के कारण ही मुझे देश में पहचान मिली। मेरे विकाश में विवि के केवीके का अहम योगदान हैं। समस्तीपुर के डीडीसी शेखर सुमन प्रियदर्शी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा की जब हमारे किसान संपन्न होंगे तभी हमारा देश संपन्न होगा।
उन्होंने कहा कि देश की ताकत किसानों के ताकत पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब इस देश में खाद्यान्न का आयात करना पड़ रहा था। आज किसानों के बढ़ते हुए उत्पादन और किसानों की शक्ति के बदौलत आज देश से अनाजों का निर्यात किया जा रहा हैं।कार्यक्रम के दौरान विवि द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों क्रमशः किसान मेला स्मारिका और आधुनिक किसान मेला पत्रिका दोनों का विमोचन मुख्य अतिथि व कुलपति समेत अन्य अतिथियों ने किया। इस पुस्तक में विवि के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे तमाम तरह के शोध को प्रकाशित किया गया हैं जिसे पढ़कर ज्यादा से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे।
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