समस्तीपुर : जनजातीय एवं लोक नृत्य से किसान मेले की बढ़ी रौनक
रामजी कुमार। समस्तीपुर। डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के परिसर में आयोजित हुए तीन दिवसीय किसान मेले में भारत की सांस्कृतिक विविधता का खूबसूरत नजारा देखने को मिला। बक्सर से आए गोंड जनजाति के हुडका नाच पार्टी से जुड़े कलाकारों ने गोडउं नृत्य प्रस्तुत कर किसान व......

समस्तीपुर जनजातीय एवं लोक नृत्य से किसान मेले की बढ़ी रौनक।
रामजी कुमार।
समस्तीपुर। डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के परिसर में आयोजित हुए तीन दिवसीय किसान मेले में भारत की सांस्कृतिक विविधता का खूबसूरत नजारा देखने को मिला। बक्सर से आए गोंड जनजाति के हुडका नाच पार्टी से जुड़े कलाकारों ने गोडउं नृत्य प्रस्तुत कर किसान व श्रोताओं को खूब रिझाया। इस नृत्य के बारे में कलाकारों ने बताया कि गोडउं नृत्य लूप्त हो रही लोक नृत्य शैली है जिसका प्रयोग प्रमुख रूप से हम अपने कुल देवता भगवान शिव को रिझाने के लिए करते हैं। झाल, झरनाठ और हुड़का इस नृत्य के महत्वपूर्ण अंग है। हुडका भगवान शिव के प्रिय वाद्य डमरू का ही एक बड़ा रूप है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मंत्री श्री महेश्वर हजारी एवं कुलपति डॉ. पीएस पाण्डेय ने कलाकारों को अंग वस्त्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित भी किया। इधर कलाकारों ने बताया कि हम अपनी इस सांस्कृतिक शैली को लुप्त होने से बचाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने किसान मेले के इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए खासकर कुलपति के प्रति आभार व्यक्त किया। दूसरी तरफ थारू, गौर आदि जनजाति से जुड़े लोगों ने भी एक से बढ़कर एक लोकनृत्य को प्रस्तुत किया।
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