सीतामढी :- सीतामढ़ी के मालदह आम का स्वाद अब मुम्बई समेत 14 अन्य प्रदेश के लोग भी ले सकेंगे, आलाेक कुमार.....

सीतामढी :- सीतामढ़ी के मालदह आम का स्वाद अब मुम्बई समेत 14 अन्य  प्रदेश के लोग भी ले सकेंगे, आलाेक कुमार.....

(सागर कुमार) (अमित सौरभ) चम्पारण टुडे, सीतामढ़ी (ब्यूरो)

सीतामढी :- बगीचे का तोड़ा गया आम देश के विभिन्न हिस्से में घरों तक महज तीन दिनों में पहुंचाने की पहल शुरू कर दी गई है। इसके लिए अपना खेत के संस्थापक बथनाहा के किसान सह कृषि समन्वय आलाेक कुमार ने पहल शुरू कर दी है। सीतामढ़ी के आम का स्वाद पूरे देश मे रहने वाले लोगो को मिल सके ये सोच कर इन्होंने इसकी शुरुआत की है।उन्होंने बताया कि वे एक किसान भी है और आसपास के किसानों की परेशानी देखते हुए उन्होंने यह पहल शुरू की है। उन्होंने आॅनलाइन स्टोर की स्थापना कि है । इसके साथ देश के सभी स्थानों तक तीन दिनों में आम पहुंचाने के लिए ब्लू डार्ट कूरियर से एग्रीमेंट भी कर लिया है। वे स्वयं के साथ ही आसपास के किसानों का आम इस ऑनलाइन स्टोर से विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए फोन नंबर, इस्टाग्राम व फेसबुक का उपयोग कर रहे हैं। लोगों को यहां के आम का स्वाद प्राप्त करने के लिए संपर्क करने एवं आर्डर बुक कराने की आग्रह किया है।

ऑनलाइन स्टोर अपना खेत से आम घर तक उपलब्ध करायेगा :- 

उन्होंने कहा कि हमारे परिजन एवं यहां के निवासी दूर प्रदेशों में भी रहते हैं, उन्हें भी समय पर सीतामढ़ी के आम के स्वाद प्राप्त करने की प्रबल इच्छा रहती है। लेकिन कम्युनिकेट ब्रेक के कारण वे इसमें सफल नहीं हो पाते हैं। लेकिन अब उन्हें इस ऑनलाइन स्टोर अपना खेत से आम घर तक उपलब्ध कराया जाएगा। आलोक बताते है कि रीगा चीनी मिल बंद होने व कोरोना काल मे किसानों की दशा देखकर उन्होंने पिछले साल से इस काम की शुरुआत की थी, लगभग 400 पैकेट की उन्होंने डिलेवरी भी की थी। उनका मानना है कि सरकार अगर सहयोग करे और एक प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हो जाये तो स्थानीय किसानों को अपने फसलों का सही उपयोग कर पाएंगे,साथ ही विदेशो तक यहाँ का आम पहुँचेगा। वो बताते है कि 

आम के मंजर आने से पहले ही से लगातार 15 मजदूरों को नियमित काम भी मिल जाता है।

इस पहल से किसानों को मिलेगा लाभ : नीरज कुमार

सहायक निदेशक:- उद्यान नीरज कुमार ने कहा कि ऑनलाइन स्टोर अपना खेत की पहल उनकी जानकारी में है। किसान सह कृषि समन्वयक आलोक कुमार की यह एक बेहतरीन पहल है। वर्तमान में तो इस वर्ष यह एक प्रयोग मात्र है, लेकिन आने वाले समय में इसे लेकर कलस्टर यूनिट भी बनाया जाएगा। सभी किसानों से संपर्क कर इस इनोवेशन को आगे बढ़ाया जाएगा। इससे जहां किसानों को लाभ होगा। उन्होंने आलोक कुमार के इस पहल की सराहना की तथा उनको हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया।