सुगौली : बाढ़ ने ढाया कहर, सड़क पर रहने को मजबूर हैं लोग, कागजों में चल रहा है किचन, धरातल पर टांय-टांय फीस

अमरुल आलम की रिपोर्ट  सुगौली, पू.च: प्रखंड में आई बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है तो वही आम लोग भी काफी परेशान दिख रहे हैं लेकिन सरकार के मुलाजिम केवल कागजों पर खानापूर्ति कर कम्युनिटी किचन चला रहे हैं जिला प्रशासन के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि सुगौली के सुकुल पाकड़ में कम्युनिटी किचन चल रहा है। बाढ़ पीड़ितों के साथ छलावा किया जा रहा है। यह दावा धरातल पर टांय-टांय फीस नजर आ रहा है। वही चलने की बात को लेकर गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। वही नगर पंचायत के आमिर खां टोला डाक बंगला जो नदी से सटे निचला इलाका सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हुआ है। वहां के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से वहां के लोग राष्ट्रीय .........

सुगौली : बाढ़ ने ढाया कहर, सड़क पर रहने को मजबूर हैं लोग, कागजों में चल रहा है किचन, धरातल पर टांय-टांय फीस

कागजों में चल रहा है किचन, धरातल पर टांय-टांय फीस

अमरुल आलम की रिपोर्ट 

सुगौली, पू.च: प्रखंड में आई बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है, तो वही आम लोग भी काफी परेशान दिख रहे हैं। लेकिन सरकार के मुलाजिम केवल कागजों पर खानापूर्ति कर कम्युनिटी किचन चला रहे हैं। जिला प्रशासन के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि सुगौली के सुकुल पाकड़ में कम्युनिटी किचन चल रहा है। जबकि बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि  बाढ़ पीड़ितों के साथ छलावा किया जा रहा है। यह दावा धरातल पर टांय-टांय फीस नजर आ रहा है। वही चलने की बात को लेकर गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। वही नगर पंचायत के आमिर खां टोला डाक बंगला जो नदी से सटे निचला इलाका सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हुआ है, वहां के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से वहां के लोग राष्ट्रीय उच्य पथ पर शरण लिए हुए है। वहां पर राहत सामग्री के नाम पर केवल सुखी चुरा मीठा और प्लास्टिक ही बाढ़ पीड़ितों को नसीब हुआ है।

इस आई आपदा को लेकर जिला प्रशासन का दवा है की बाढ़ पीड़ितों के लिए कम्युनिटी किचन चलाई जा रही है। लेकिन कहीं भी कम्युनिटी किचन नहीं दिख रही है और लोग ऐसे कैसे जीने को मजबूर है। बाढ़ पीड़ितों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि हम लोग सड़क पर हैं। बाढ़ आने के कारण जलावन नष्ट हो गया है, अनाज भी बाढ के पानी में बह गया है। खाने के लाले पड़ गए हैं। लेकिन अभी तक चावल का कतरा भी पेट को नसीब नहीं हो रहा है। सरकार ने यह जरूर घोषणा किया है की बाढ़ पीड़ितों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से खाना खिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी है। लेकिन नगर के आमिर खान टोला के लोग ऊंचे स्थान पर शरण लेकर अपनी जीवन को बचा रहे हैं। बाढ़ ने इस  कदर कहर ढाया की लोगों को अपने घर द्वार को छोड़ कर जान बचाने के लिए सड़क के किनारे शरण लेना पड़ा। इस विपदा की घड़ी में जाति धर्म को भुलाकर बाढ़ पीड़ित एक साथ रह रहे और एक दूसरे का दुःख व दर्द बांट रहे है। इनके पास जो भी खाने पीने का समान है उसे एक दूसरे को दे रहे है और जिंदगी बचाने में खुले दिल से मदद कर रहे है।