सुगौली: दर्जनों से अधिक बच्चे बने हाफिज-ए-कुरान, जलसा-ए-दस्तारबंदी में धूमधाम से हुई पगड़ी बंधाई की रस्म
अमरुल आलम की रिपोर्ट सुगौली, पू.च: प्रखंड क्षेत्र के चीनी मिल स्थित जामिया अरबिया मिल मदरसा में रविवार को दर्जनों से अधिक बच्चे बने हाफिज-ए-कुरान। जलसा-ए-दस्तारबंदी में धूमधाम से हुई पगड़ी बंधाई की रस्म। गौरतलब हो .......

अमरुल आलम की रिपोर्ट सुगौली, पू.च: प्रखंड क्षेत्र के चीनी मिल स्थित जामिया अरबिया मिल मदरसा में रविवार को दर्जनों से अधिक बच्चे बने हाफिज-ए-कुरान। जलसा-ए-दस्तारबंदी में धूमधाम से हुई पगड़ी बंधाई की रस्म। गौरतलब हो कि वही कारी रेहान साहब से इन बच्चों ने तालीम हासिल कर कुरान को मुकम्मल किए और हाफिजे कुरान हुए।
जिनमें हाफिज कैफ,हाफिज जुबेर,हाफिज शहजादा, हाफिज ताहा, हाफिज साद,हाफिज अफजल,हाफिज तौकीर, हाफिज जबीहुल्लाह,हाफिज हयातुल्लाह, हाफिज हैदर,हाफिज मिस्बाहुल हक, हाफिज जाकिर, हाफिज अबु बकर,हाफिज अख्तर हुसैन,हाफिज मकबुल है। वही उस्ताद कारी रेहान,राही साहब,सदर मदरिस मुफ्ती मुजीबुर रहमान साहब कासीम,सदर जामिया शौख मुजीबुर रहमान साहब,सेक्रेटरी डॉ अनवारुल हक साहब। वही कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने कहा कि हाफिज की उपाधि एक विशेष वरदान है,जो अल्लाह अपने चुने हुए बंदों को प्रदान करते हैं। उन्होंने सभी हाफिजों के उज्जवल भविष्य के लिए दुआएं कीं। विशेष अतिथियों ने इस्लाम के शांतिपूर्ण संदेश पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि इस्लाम समाज के हर वर्ग के अधिकारों की रक्षा करता है और इन अधिकारों की रक्षा को इबादत का दर्जा देता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के पांच मूल सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस्लाम में जान,माल,इज्जत,धर्म और वंश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कारी मुफ्ती मुजीबुर्रहमान कासमी ने की। समारोह में मौलाना मोनाजिर साहब,मुफ्ती निजामुद्दीन साहब कारी रहान राही साहब,हाफिज शमशाद साहब,कारी सुहेल साहब,मौलाना मोजेबुल्लाह साहब,कारी अफजल साहब, समाजसेवी मो.शानी साहब,मौलाना फैजुर रहमान,मौलाना अब्दुल सुभान,मौलाना मोनीबुर रहमान,मो.शमशाद साहब,मों जुल्फेकार खां,फैशल यूसुफ सहित सैकड़ों संख्या में लोगों ने शिरकत की।
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