शास्त्रीय संगीत सरोद की स्वर लहरियों से सजा प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय बसंत उत्सव का भव्य समापन।
रामजी कुमार। पटना। प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ एवं कला, संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहे बसंत उत्सव का समापन यहाँ हरि उप्पल ऑडिटोरियम, भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना में हुआ जिस में इंदौर से आयी शास्त्रीय गायिका शोभा......

शास्त्रीय संगीत सरोद की स्वर लहरियों से सजा प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय बसंत उत्सव का भव्य समापन
रामजी कुमार।
पटना। प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ एवं कला, संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहे बसंत उत्सव का समापन यहाँ हरि उप्पल ऑडिटोरियम, भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना में हुआ जिस में इंदौर से आयी शास्त्रीय गायिका शोभा चौधरी तथा पटना की सुप्रसिद्ध सरोद वादक रीता दास ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को स्वर सरिता के रंगों से भिगो दिया।
इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन प्राचीन कला केंद्र के सचिव सजल कौसर ने पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन के पश्चात कार्यक्रम का आरम्भ किया गया। केंद्र के सचिव सजल कौसर ने केंद्र की एक विशारद पास विद्यार्थी रूही कुमारी जिन्होंने बिहार में बीपीएससी की परीक्षा में पहला रैंक लेकर केंद्र का नाम रोशन किया, को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सुअवसर पर मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में शोभा चौधरी ने पारम्परिक आलाप के पश्चात राग श्री से सजी विलम्बित एक ताल में निबद्ध रचना "साँझ भाई आओ रे आओ, हरी गन नीके गाये सुनाओ " से कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरुआत की। इसके उपरांत मध्य लाया त्रिताल में पंडित सी आर व्यास रचित बंदिश साँझ की बेर सुमिर हरी नाम पेश की। इसके उपरांत शोभा जी ने दूत एक ताल से सजी रचना "कहे दर पौन मैं बरसे कृपा मापे" प्रस्तुत की।। इसके उपरांत इन्होने ने पंडित रामाश्रय झा जी द्वारा रचित एक रागमाला पेश की जिसे 16 लाइन की सरस्वती वंदना में 19 रागों से पिरोया गया है। कार्यक्रम के अंत में इन्होंने ने मौसम के अनुरूप एक होरी पेश की जिसके बोल थे "रंग डारूंगी नन्द के लालन पे" से समापन किया। इनके साथ तबले पर अमितवा सेन और हारमोनियम पर सुजान चटर्जी ने बखूबी संगत की।
इसके उपरांत रीता दास ने मंच संभाला राग झिंझोटी में पारमपरिक आलाप के पश्चात विलम्बित गत पेश करके दर्शकों की तालियां बटोरी इसके उपरांत द्रुत गत पेश की जिसे दर्शकों ने सराहा। पारम्परिक रचनाये पेश करके रीता दास ने कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए। इन्होने राग जिला काफी में धुन पेश करके कार्यक्रम का समापन किया। इनके साथ दिल्ली के प्रसिद्द तबला वादक उस्ताद अख्तर हसन ने संगत करके खूब प्रशंसा हासिल की। कार्यक्रम के अंत में केंद्र के सचिव सजल कौसर ने कलाकरों को मोमेंटो एवं उत्तरीय देकर सम्मानित किया। और दर्शकों, मीडिया एवं कलाकारों का धन्यवाद किया।
What's Your Reaction?






