पश्चिम चम्पारण : बेतिया, नौतन, बगहा सहित कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर हुई गर्भवतियों स्वास्थ्य की जांच

जिले के बेतिया, नौतन, बगहा समेत कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सोमवार को विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच सीएचओ एवं महिला चिकित्सकों द्वारा की गई। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत अभियान चलाते हुए जगह-जगह स्वास्थ्य मेला का आयोजन भी हुआ। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के दौरान बीपी, शुगर, वजन, रक्त प्रतिशत के साथ कई अन्य .......

Jul 23, 2024 - 02:19
Jul 23, 2024 - 04:06
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पश्चिम चम्पारण : बेतिया, नौतन, बगहा सहित कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर हुई गर्भवतियों स्वास्थ्य की जांच

- स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थायी साधनों की जानकारी और अस्थायी साधन के सामग्रियों का वितरण
- गर्भवती महिलाएं करें आयरन व कैल्शियमयुक्त संतुलित आहार का सेवन: डॉ प्रीति कुमारी

22 जुलाई। बेतिया 
जिले के बेतिया, नौतन, बगहा समेत कई हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सोमवार को विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच सीएचओ एवं महिला चिकित्सकों द्वारा की गई। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत अभियान चलाते हुए जगह-जगह स्वास्थ्य मेला का आयोजन भी हुआ। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के दौरान बीपी, शुगर, वजन, रक्त प्रतिशत के साथ कई अन्य जाँच की गई। इस दौरान अन्य महिलाओं के स्वास्थ्य की भी जाँच की गईं है। स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों के बीच अंतराल व सही समय पर बच्चे होने की जानकारी देने के साथ परिवार नियोजन के स्थायी साधनों की जानकारी दी गईं वहीं अस्थायी साधन में कंडोम, गर्भनिरोधक सामग्रियों का वितरण किया भी गया। इस दौरान नरकटियागंज अनुमण्डलीय अस्पताल की डॉ प्रीति कुमारी ने अस्पताल आई गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उच्च जोखिम से कैसे सुरक्षित रहें, इनके उपाय बताये और साथ ही इस दौरान कैल्शियम सहित आयरन की 180 गोली प्रसव से पहले व 180 गोली प्रसव के बाद 6 महीने लेने की सलाह दी।

सुरक्षित प्रसव हेतु गर्भवती महिलाओं की समय समय पर जांच आवश्यक:

गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य हेतु रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान आदि ठीक रखने की सलाह दी गई। डॉ. प्रीति कुमारी ने बताया कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच जरूरी है। इससे जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। पहली जांच गर्भधारण के 12वें सप्ताह तक, दूसरी जांच 14वें से 26वें सप्ताह तक, तीसरी 28वें से 32वें सप्ताह तक और अंतिम जांच 34वें से प्रसव होने से पहले तक करानी चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को जो सलाह दी जाती है, उसका पालन करना चाहिए। जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रमेश चंद्रा एवं डीसीएम राजेश कुमार ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर माह के 09 एवं 21 तारीख को कैंप लगाकर गर्भवती महिलाओ की जाँच की जाती है। डॉ चंद्रा ने बताया कि गर्भवस्था के दौरान एनीमिया से बचने के लिए पालक, हरी सब्जी व मछली, दूध व अंडा आदि का नियमित सेवन जरूरी है। ये शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाते हैं। गर्भावस्था में बहुत अधिक चाय व कॉफी के सेवन से बचना चाहिए। तनाव से बचना चाहिए, अच्छी नींद लेनी चाहिए। चुकंदर, सूखे मेवे व मौसमी फल भी अवश्य लेना चाहिए।

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