सीतामढ़ी :- टूरिस्ट वीजा पर नेपाल पहुंच चीनियों ने अवैध तरीके से चिनी भाषा पढ़ाते किया गया गिरफ्तार, फिर छोड़ दिया गया, स्थानीय लोगो में आक्रोश
सागर कुमार, चम्पारण टुडे, सीतामढ़ी ब्यूरो सीतामढ़ी,(बैरगनिया) :- भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन देश धीरे-धीरे अपनी पैर पोखरना शुरू कर दिया है। इसका जीता जागता उदाहरण है सीतामढ़ी जिले के सटे नेपाल के रौतहट जिले के बालचंदपुर में बाजापता चीनी भाषा पढ़ाने के लिए करीब 200 बच्चों का वर्ग संचालन किया जा रहा था। वहां के ग्रामीणों द्वारा विरोध.....

सागर कुमार, चम्पारण टुडे, सीतामढ़ी ब्यूरो
सीतामढ़ी,(बैरगनिया) :- भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन देश धीरे-धीरे अपनी पैर पोखरना शुरू कर दिया है। इसका जीता जागता उदाहरण है सीतामढ़ी जिले के सटे नेपाल के रौतहट जिले के बालचंदपुर में बाजापता चीनी भाषा पढ़ाने के लिए करीब 200 बच्चों का वर्ग संचालन किया जा रहा था। वहां के ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर गिरफ्तार किए गए पांच चीनी नागरिकों को मुक्त करने के साथ मामले को रफा-दफा कर दिया गया है।
मामले पर गंभीरता से जांच नहीं कर चीनी नागरिकों को मुक्त कर देने पर तराई क्षेत्र के मधेसिया लोगों ने इस तरह के व्यवस्था से नाखुश हैं। रौतहट जिले के चंद्रनिगाहपुर क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार राई ने बताया कि पांच चीनी नागरिकों द्वारा चंद्रनिगाहपुर के बालचंदपुर अवस्थित तेली समाज धर्मशाला सहित चार स्थानों पर गरीब परिवार के लड़के एवं लड़कियों को उपहार दे-देकर चाइनीज भाषा पढ़ाने का काम किया जा रहा था।
जिसे ग्रामीणों की सूचना पर छापेमारी कर सभी विदेशियों को हिरासत में लेकर थाने लाया गया। जहां पूछताछ में स्पष्ट हो गया कि चीनी नागरिक पर्यटक वीजा लेकर नेपाल में घूमने के उद्देश्य से आये है। उनके बातों से संतुष्ट होने पर सभी को समझा बूझाकर मुक्त कर दिया गया है। जानकारी हो कि पर्यटक वीजा लेकर घूमने के नाम पर नेपाल आए एलिन नामक महिला सहित पांच चीनी नागरिक अनाधिकृत रूप से नेपाल के बालचंदपुर में बच्चों को करीब 15 दिनों से चीनी भाषा की शिक्षा दे रहे थे। इनके वर्ग में करीब 200 बच्चे शिक्षा ले रहे थे। इतनी बड़ी संख्या का मुख्य कारण यह था कि सभी बच्चों को प्रतिदिन ₹50 रुपया नगद , विभिन्न तरह के चॉकलेट, बिस्किट व अन्य उपहार दिए जा रहे थे। सूचना पर पुलिस ने पांच चीनी लोगों को गिरफ्तार करते हुए अवैध रूप से संचालित चिनिया भाषा के वर्ग को बंद करा दिया।
शिक्षा देने वाली चीनी महिला का नाम एलिन है। बाकी चीनियों का नाम पुलिस ने खुलासा नहीं किया है। चिनिया पर्यटक एलिन बच्चों को पहले टिकटोक में रील बनाकर पैसा कमाने का प्रलोभन देकर रील बनाने लगी और सोशल मीडिया के माध्यम से रील को वायरल कर उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने लगी। पढ़ाने के क्रम में एलिन अपने हाथ में बंधी हुई घड़ी में मोबाइल लगाकर ऑनलाइन वीडियो भी बना रही थी, आशंका जाहिर किया जा रहा है कि इसका सीधा प्रसारण चीन में हो रहा था। यहां सवाल यह है कि आखिर किस परिस्थिति किस प्रायोजित योजना के तहत चीनी नागरिक नेपाली बच्चों को प्रलोभन देकर चीनी भाषा की शिक्षा दे रहे थे।
कोपिला तिमल्सिना (बाल अधिकार कर्मी)- बच्चों को भटका कर दूसरे देश की भाषा पढ़ाना गलत है,।ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
संजय काफले (नगर सभापति चंद्रनिगाहपुर नगरपालिका)- बिना अनुमति बच्चों का वर्ग संचालित करना गंभीर अपराध है।आगे इस तरह का मामला ना हो इसके लिए हर जगह प्रशासन को जांच करनी चाहिए।
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