बंगलादेशी, पाकिस्तानी, नेपाली या अन्य कारणों से मतदाता सूची पुनरीक्षण में कट रहा आपका नाम, नागरिकता प्राप्त करने के लिए जाने नियम
बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान कुछ लोगों के नाम कटने की शिकायतें मिल रही हैं। कई लोग इसे एक विशेष समुदाय को लक्षित करने की साजिश मान रहे हैं। यदि आपका नाम सूची से कट गया है या आप नागरिकता को लेकर भ्रम में हैं, तो यह जानना जरूरी है कि भारतीय नागरिकता कैसे प्राप्त की जाती है। भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के तरीके (Indian Citizenship Rules): 1. जन्म के आधार पर नागरिकता (Section 3), 2. वंश के आधार पर नागरिकता (Section 4), 3. पंजीकरण द्वारा नागरिकता (Section 5), 4. प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता (Section 6) प्रक्रिया और दस्तावेज : Ministry of Home Affairs की वेबसाइट से आवेदन। जरूरी दस्तावेज़ : पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, पता प्रमाण, विवाह प्रमाणपत्र आदि। विशेष योगदान देने वालों को नियमों से हटकर भी नागरिकता दी जा सकती है। मतदाता सूची से नाम कटना, नागरिकता समाप्त नहीं : नाम कटना नागरिकता समाप्त होने का प्रमाण नहीं है। यदि आपकी नागरिकता वैध है, तो आप पुनः नाम जुड़वा सकते हैं।

चम्पारण टुडे के लिए ब्यूरो का स्पेशल रिपोर्ट
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। जिसे प्रत्येक 20 वर्षो पर दोहराने की प्रक्रिया है। इसमें कई तरह के सवाल उभर कर सामने आ रहें हैं। कईयों का आरोप है कि एक विशेष वर्ग के लोगों का नाम काटने की साजिश है। यदि किसी कारण से आप इससे वंचित रह जाते हैं या आप भारत की नागरिकता ले चुके हैं या फिर लेना चाहते हैं, तो यह नियम जान लें।
भारत में नागरिकता के नियम और प्रक्रिया : भारतीय नागरिकता से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 5 से 11 (भाग II) में वर्णित हैं। इसके अलावा, नागरिकता अधिनियम 1955 में भी नागरिकता लेने के नियमों को परिभाषित किया गया है।
भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के तरीके :
जन्म से भारतीय नागरिकता (Citizenship by Birth) - भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 3 के अंतर्गत, भारत में जन्म लेने वाले व्यक्ति को नागरिकता मिल सकती है, लेकिन इसके लिए जन्म की तारीख के आधार पर विभिन्न शर्तें लागू होती हैं -
1. 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच जन्म : यदि कोई व्यक्ति इस अवधि में भारत में जन्मा है, तो वह जन्म से भारतीय नागरिक माना जाएगा, भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो।
2. 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्म : व्यक्ति तभी भारतीय नागरिक माना जाएगा यदि, वह भारत में जन्मा हो और उसके कम से कम एक माता-पिता भारतीय नागरिक हों।
3. 3 दिसंबर 2004 के बाद जन्म : व्यक्ति तभी भारतीय नागरिक माना जाएगा यदि, वह भारत में जन्मा हो और उसके दोनों माता-पिता भारतीय नागरिक हों या एक माता-पिता भारतीय नागरिक हो और दूसरा अवैध प्रवासी (illegal migrant) न हो। (अवैध प्रवासी (Illegal Migrant) का मतलब ऐसा विदेशी जो भारत में वैध पासपोर्ट और वीज़ा के बिना प्रवेश करता है, या वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रह जाता है।)
वंश के आधार पर नागरिकता - भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, वंश के आधार पर नागरिकता (Citizenship by Descent) उन व्यक्तियों को मिलती है जो भारत के बाहर जन्मे हैं, लेकिन उनके माता-पिता में से कोई भारतीय नागरिक है। यह नियम धारा 4 (Section 4) में वर्णित है।
वंश के आधार पर भारतीय नागरिकता (Citizenship by Descent) - यदि बच्चा भारत के बाहर जन्मा है, तो उसकी नागरिकता इस पर निर्भर करती है कि उसका जन्म कब हुआ और माता-पिता की नागरिकता क्या है:-
1. 26 जनवरी 1950 से 10 दिसंबर 1992 के बीच जन्म : बच्चा भारत के बाहर पैदा हुआ हो, और उसके पिता भारतीय नागरिक हों उस समय तो बच्चा भारतीय नागरिक माना जाएगा। (उस समय केवल पिता की नागरिकता को मान्यता दी जाती थी।)
2. 10 दिसंबर 1992 से 3 दिसंबर 2004 के बीच जन्म : बच्चा भारत के बाहर जन्मा हो, और उसके माता या पिता में से कोई एक भारतीय नागरिक हो तो वह भारतीय नागरिक होगा। (इस अवधि में माता और पिता दोनों की नागरिकता को स्वीकार किया गया।)
3. 3 दिसंबर 2004 के बाद जन्म : बच्चा तभी भारतीय नागरिक माना जाएगा जब उसके माता-पिता में से कम से कम एक भारतीय नागरिक हो, और बच्चे का जन्म भारतीय दूतावास में रजिस्टर कराया गया हो। इसके लिए पासपोर्ट कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य है और बच्चे के माता-पिता को यह प्रमाण देना होता है कि बच्चा किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ले रहा।
पंजीकरण की प्रक्रिया :
विदेश में जन्मे बच्चे को भारतीय नागरिकता देने के लिए माता-पिता को भारतीय वाणिज्य दूतावास (Embassy/Consulate) में जाकर Form-I भरना होता है। यह प्रक्रिया जन्म की तारीख से एक साल के भीतर पूरी करनी चाहिए, या विशेष अनुमति लेनी होती है।
पंजीकरण द्वारा नागरिकता - भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 5 (Section 5) के अंतर्गत "पंजीकरण द्वारा नागरिकता (Citizenship by Registration)" दी जाती है। यह तरीका उन व्यक्तियों के लिए है जो भारत में रहते हैं या जिनका भारत से कोई विशेष संबंध है।
पंजीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित श्रेणियों के लोग पंजीकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं -
1. भारतीय मूल के व्यक्ति जो भारत में रहते हैं : ऐसे व्यक्ति जो भारत में सामान्य रूप से 7 वर्ष (लगातार या कुल मिलाकर) रह चुके हों। उनका जन्म या उनके माता/दादा भारत में जन्मे हों।
2. भारतीय नागरिक की पत्नी या पति : कोई विदेशी व्यक्ति, जिसने किसी भारतीय नागरिक से विवाह किया हो, और विवाह के सात साल बाद भी वैध रूप से भारत में रह रहा हो, वह पंजीकरण द्वारा नागरिकता ले सकता है।
3. भारत में जन्मा व्यक्ति, परंतु विदेशी नागरिक : ऐसा व्यक्ति जो भारत में पैदा हुआ हो लेकिन वर्तमान में विदेशी नागरिक है, वह भी पात्र हो सकता है।
4. भारत की सरकार की सेवा में कार्यरत व्यक्ति : कोई विदेशी व्यक्ति जो भारत सरकार की सेवा में है और उसने कुछ वर्षों तक सेवा की है।
5. अविभाजित भारत (Undivided India) के नागरिक के वंशज : ऐसे व्यक्ति जो भारत विभाजन (1947) से पहले भारत में रहते थे, या उनके माता-पिता / दादा-दादी उस समय भारत में रहते थे, और अब किसी विदेशी देश में रह रहे हैं, वे भी आवेदन कर सकते हैं।
पंजीकरण की प्रक्रिया :
ऑनलाइन आवेदन Ministry of Home Affairs (MHA) की वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है।
आवश्यक दस्तावेज़ :-
पासपोर्ट की कॉपी
जन्म प्रमाणपत्र
भारत में निवास प्रमाण
विवाह प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
अन्य वैध पहचान पत्र
सत्यापन और पुलिस जांच :
स्थानीय अधिकारियों द्वारा दस्तावेज़ों का सत्यापन और पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा।
निर्णय :
गृह मंत्रालय निर्णय लेगा कि नागरिकता दी जाए या नहीं।
प्राकृतिककरण द्वारा भारतीय नागरिकता (Citizenship by Naturalisation) - भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 (Section 6) के अंतर्गत दी जाती है। यह तरीका उन विदेशी नागरिकों के लिए है जो लंबे समय से भारत में कानूनी रूप से रह रहे हैं और भारत के प्रति निष्ठा दिखाते हैं।
प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता के लिए पात्रता (Eligibility) : एक विदेशी नागरिक तब प्राकृतिककरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है जब वह निम्नलिखित शर्तें पूरी करता हो -
1. भारत में निवास की अवधि : व्यक्ति ने आवेदन करने से पहले पिछले 12 महीनों तक भारत में सामान्य रूप से निवास किया हो, और पिछले 14 वर्षों में से कम से कम 11 वर्ष भारत में निवास किया हो। (यह दो भागों में देखा जाता है : अंतिम 1 वर्ष बिना अंतराल के भारत में निवास तथा पिछले 14 वर्षों में से कुल 11 वर्ष भारत में वैध रूप से रहा हो)
2. अच्छरित्र (Good Character) : व्यक्ति का चरित्र अच्छा होना चाहिए और कानूनी पृष्ठभूमि साफ होनी चाहिए।
3. भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा : व्यक्ति को भारत के संविधान और कानूनों का सम्मान और निष्ठा की शपथ लेनी होती है।
4. किसी अन्य देश का नागरिक नहीं रहना चाहिए (एक बार नागरिकता मिल जाने के बाद) : भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता, इसलिए भारतीय नागरिकता मिलते ही दूसरी नागरिकता स्वतः समाप्त करनी होती है या छोड़नी पड़ती है या स्वतः रद्द मानी जाती है।
(यदि कोई देश भारत में मिल जाए तो वहां के नागरिक भी स्वतः भारतीय के श्रेणी में होंगे)
विशेष स्थिति : भारत सरकार चाहें तो किसी व्यक्ति को सामान्य नियमों को दरकिनार कर के भी नागरिकता दे सकती है, यदि वह व्यक्ति भारत के लिए विशेष योगदान देता है (जैसे: विज्ञान, खेल, समाज सेवा आदि में असाधारण कार्य)।
भारत का कोई भी नागरिक जो स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, वह भारतीय नागरिक नहीं रहता (अनुच्छेद 9)। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर अवसरों की तलाश, कर नीति, नागरिक सुविधाएं और ड्यूल सिटिजनशिप जैसे कारणों से भारतीय नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
(संशोधित नियमावली 2019 सम्मिलित)
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