मां का दूध केवल पोषण नहीं, जीवन की धारा है: डॉ शैलेन्द्र
वैशाली
नवजात के लिए स्तनपान बहुत ही जरुरी है। जन्म के एक घंटे के अंदर मां का गाढ़ा पीला दूध नवजात के लिए वरदान होता है। यह मां का दूध केवल पोषण नहीं, जीवन की धारा है। ये बातें प्रभारी सिविल सर्जन डॉ शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने विश्व स्तनपान सप्ताह के मौके पर सदर अस्पताल में हुए उन्मुखीकरण कार्यशाला में गुरुवार को कही। मालूम हो कि 1 से 7 जुलाई तक स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्मुखीकरण कार्यक्रम के दौरान डॉ शैलेन्द्र ने कहा कि पूरे जिले में बुधवार को वर्चुअली रुप से आशा, परामर्शी और ममता को स्तनपान कराने के प्रशिक्षण के साथ उनको स्तनपान के फायदे भी बताए गए ताकि वह समुदाय के बीच जाकर धात्री महिलाओं को इसके फायदों को बता सके। वहीं कार्यक्रम के दौरान डीसीएम निभा सिन्हा ने बताया कि छह महीने तक सिर्फ मां का दूध ही सर्वोतम आहार है। वहीं छह महीने के बाद 2 साल तक मां के दूध के साथ उपरी आहार भी देना जरुरी है।
एसीएमओ डॉ अमिताभ कुमार सिन्हा ने कहा कि स्तनपान से मां और बच्चे दोनों को फायदा होता है। स्तनपान से जहां बच्चे को उचित पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। वहीं स्तनपान माताओं और नवजात के बीच भावनात्मक रिश्ते को मजबूत करता है। स्तनपान कराने वाली मां को अपने खाने का खास ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस वक्त जो वह खाती हैं उसका असर उसके बच्चों पर पड़ता है। कुछ खाद्य पदार्थ है, जो विशेष रुप से दूध उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करता है। जिले का यह है आंकड़ा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के अनुसार जिले में छह महीने के वैसे बच्चे जो स्तनपान करते हैं उनका प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में 62.7 तथा कुल प्रतिशत 62.4 है। वहीं छह से आठ महीने के वैसे बच्चे जो स्तनपान और ठोस उपरी आहर दोनों ही लेते हैं का प्रतिशत 19.1 है। वहीं जिले के सभी प्रसव कक्ष में स्तनपान के लिए एक कमरा सुरक्षित रखा गया है। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में डॉ शैलेन्द्र कुमार सिन्हा, एसीएमओ डॉ अमिताभ कुमार सिन्हा, डीसीएम निभा सिन्हा, डीआइओ डॉ उदय नारायण सिन्हा सहित आशा और परामर्शी मौजूद थे।