सीतामढी :- ड्राप आउट बच्चों का होगा अब गृहवार सर्वेक्षण, स्कूल से बाहर नहीं रहेंगे एक भी बच्चे।

सीतामढी :- ड्राप आउट बच्चों का होगा अब गृहवार सर्वेक्षण, स्कूल से बाहर नहीं रहेंगे एक भी बच्चे।

-- सरकारी स्कूलों से बाहर शिक्षा से वंचित रह रहे बच्चों को अब शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा,

-- ड्राप आउट बच्चों का होगा अब गृहवार सर्वेक्षण, स्कूल से बाहर नहीं रहेंगे एक भी बच्चे

सागर कुमार,,सीतामढी ब्यूरो,,

सीतामढ़ी :- सरकारी स्कूलों से बाहर व शिक्षा से वंचित रह रहे बच्चों को अब शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम शिक्षा विभाग द्वारा शुरू कराया जा रहा है। इसको लेकर अब शिक्षकों के द्वारा गृहवार सर्वेक्षण भी किया जाएगा। इस अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए बुधवार को बाजपट्टी बनगाँव बाजार स्थित मध्य विद्यालय में दोनो सिप्ट में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम मे सभी विद्यालयों के हेड मास्टर, व प्रखंड स्तरीय हेल्प डेस्क के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीआरपी मनोज कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जिले में स्कूल से बाहर के बच्चों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कराया जाएगा। सर्वेक्षण का उद्देश्य छह से 18 वर्ष की आयु के विद्यालय से बाहर व क्षितिज बच्चों की पहचान करना व उनका उम्र सापेक्ष कक्षा में नामांकन कराना है। एक से 25 नवंबर तक सर्वेक्षण का कार्य होगा। सर्वेक्षण के लिए विभाग द्वारा 24 कालम का फार्मेट तैयार किया गया है। इसके लिए स्कूलों में प्रखंड स्तरीय कोर कमेटी व हेल्प डेस्क का गठन किया जाएगा। नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 के अनुसार छह से 14 आयुवर्ग के बच्चों को शिक्षा के अधिकार प्राप्त है। इसके बाद भी कई बच्चे इस मौलिक अधिकार से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के टास्क 60 के आलोक में विद्यालय से बाहर सभी बच्चों का सर्वेक्षण किया जाना है। खासकर इस बार सर्वेक्षण के कालम में दिव्यांग बच्चों की भी पहचान करना है। उसके बाद विद्यालय से बाहर के छह से 18 आयु वर्ग के सभी बच्चों की पहचान करना व उन्हें उम्र सापेक्ष कक्षा में नामांकन भी किया जाएगा। बेस्ट एप के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों की होगी इंट्री विद्यालय से बाहर क्षिजीत बच्चों के संबंध में राज्य स्तरीय सर्वेक्षण प्रपत्र में एकत्रित आंकड़ों की इंट्री बेस्ट एप के माध्यम से की जाएगी। वहीं आंकड़ों की इंट्री के लिए सभी विद्यालय प्रधानों को लाग इन आइडी प्रदान की जाएगी।

इसमें लाग इन कर प्रधान शिक्षक प्रधानाध्यापक हेल्प डेस्क के सहयोग से आंकड़ों की इंट्री करेंगे। जैसे-जैसे आंकड़ों की इंट्री होती जाएगी। वैसे वैसे आंकड़े राज्य स्तर पर समेकित होते रहेंगे। संरक्षण के लिए हेल्पडेस्क का गठन विद्यालय के प्रधान शिक्षक द्वारा विद्यालय स्तर पर हेल्प डेस्क का गठन किया जाएगा। इस हेल्प डेस्क के लिए सबसे योग्य व युवा शिक्षक को नोडल के रूप में नामित किया जाएगा। सभी शिक्षक के संबंध में सभी लोगों को को भी सूचित कर दिया जाना है। हेल्प डेस्क के लिए नामित नोडल शिक्षक का पहला कार्य क्षेत्र अपने क्षेत्र के मतदाता सूची को संबंधित बूथ स्तरीय पदाधिकारी से प्राप्त करना होगा। इसके आधार पर निर्धारित अवधि में विद्यालय से बाहर के बच्चों की सूचना निर्धारित प्रपत्र में देने वाले के पारिवारिक सदस्यों को चिन्हित करना होगा। प्रशिक्षण में द्विजेन्द्र कुमार सुमन विजय कुमार मनोज कुमार रेनू देवी रिंकी कुमारी प्रियंका कुमारी अनुष्का कुमारी प्रतिभा परवीन समेत सभी विद्यालय प्रधान मौजूद थे ।