सीतामढी :- जिलाधिकारी ने सभी बीडीओ,सीओ सहित वरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर अब बाढ़ पूर्व तैयारियो का किया समीक्षा।

सीतामढी :-  जिलाधिकारी ने सभी बीडीओ,सीओ सहित वरीय अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर अब बाढ़ पूर्व तैयारियो का किया समीक्षा।

-- 226 मानव शरण स्थल एवम 50 पशु आश्रय स्थल किये गए चिन्हित।

-- 200 आपदा मित्रो को किया गया है प्रशिक्षित,

 

सागर कुमार,,सीतामढी,,

सीतामढी :- जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरीय अधिकारियों सहित सभी बीडीओ, सीओ आदि के साथ बैठक कर बाढ़ पूर्व तैयारियो को लेकर अब तक किये गए कार्यो का समीक्षा किया। समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिला अंतर्गत सभी 17 प्रखंडों के वर्षामापक यंत्र कार्यरत हैं। वर्षापात का दैनिक रूप से निगरानी की जा रही है। जिला अंतर्गत बहने वाली नदियों के स्थलों पर जलस्तर की त्वरित सूचना प्राप्ति हेतु आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। तथा नदियों के जलस्तर पर दैनिक रूप से निगरानी रखी जा रही है। जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर प्रखंडों के नोडल पदाधिकारी को भी नामित किया गया हैं । जिला स्तर से प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर तक पदस्थापित कार्यरत पदाधिकारियों, कर्मियों तथा जनप्रतिनिधियों से दूरभाष तथा व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क स्थापित हेतु कम्युनिकेशन प्लान तैयार कर लिया गया है । बाढ़ पूर्व तैयारियों से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से भी संवाद स्थापित कर आवश्यक तैयारी कर ली गई है। जिला अंतर्गत 76 सरकारी नाव एवं 10 इनफ्लैटेबल मोटरबोट उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त 20 निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा कर लिया गया है। अंचलों में उपलब्ध सरकारी नाव का भौतिक सत्यापन करा लिया गया है। नाव का भाड़ा दर निर्धारित है। वर्तमान में जिला अंतर्गत कुल 34675 पॉलिथीन शीट्स उपलब्ध है। तथा अतिरिक्त 20,000 पॉलीथिन शीट्स की अधियाचना की गई है। राहत सामग्री एवं पशु चारा के लिए निविदा निकाली गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति निराश्रित, दिव्यांगों, बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं की सूची तैयार कर ली गई है। जिला अंतर्गत कुल 226 मानव शरण स्थल एवं 50 पशु आश्रय स्थल चिन्हित किया गया है। सभी शरणस्थली पर सामुदायिक रसोई के लिए भी आवश्यक तैयारी कर ली गई है। जिले में 4 सेटेलाइट फोन कार्य कर रहा है। जिला अंतर्गत स्थाई बाढ़ आश्रय स्थल के लिए 10 स्थान चिन्हित किए गए हैं। जिनमें भवन प्रमंडल द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पंचायतों में क्लोरीन टेबलेट की व्यवस्था के साथ-साथ आवश्यकतानुसार पीएचईडी के माध्यम से सभी शरणस्थलों के चापाकल की जांच भी करा ली गई है । जिला अंतर्गत सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर क्लोरीन टेबलेट, ओआरएस घोल पॉकेट, हाइलोजन टेबलेट, एंटीबॉडी की सुई, एंटीकबॉडी दवाइयां, ब्लीचिंग पाउडर एवं अन्य जीवन रक्षक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मोबाइल मेडिकल टीम एवं मेडिकल कैंप की रूपरेखा तय कर ली गई है। जिले में दो महाजाल के साथ जनरेटर सेट, पेट्रोमैक्स का आकलन कर मैपिंग कर लिया गया है। जिला अंतर्गत सभी मुख्य सड़क के यातायात के लिए सुगम है। प्रखंड से पंचायतों को जोड़ने वाली क्षतिग्रस्त सड़कों को मरम्मत के लिए चयनित कर लिया गया है। गृह रक्षा वाहिनी द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में प्रशिक्षित 13 गृहरक्षकों तथा मोटर बोट परिचालन में प्रशिक्षित 13 गृहरक्षकों की सूची तैयार कर ली गई है ।एसडीआरएफ की एक यूनिट जिला में प्रतिनियुक्त है, जिसमें 34 कार्यबल उपलब्ध है प्रशिक्षित गोताखोरों की सूची तैयार कर ली गई है 10 अंचलों के प्रत्येक पंचायत से 50-50 की संख्या में कुल 3300 युवकों को राहत बचाव कार्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त 200 आपदा मित्र को भी प्रशिक्षित किया गया है। राहत एवं बचाव दल का गठन कर लिया गया है। जिले में मनुषमारा नदी का उड़ाही का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्त बैठक में डीडीसी तरनजोत सिंह, निर्देशक डीआरडीए मुमुक्ष चौधरी, एडीएम महेश कुमार दास सहित कई वरीय अधिकारी , सभी बीडीओ,सीओ आदि उपस्थित थे।