घोड़ासहन : विकास कार्य की खुली पोल, बाजार से वीरता चौक के बीच बना नाली पुल निर्माण के कुछ ही महीनों में ध्वस्त, घटिया निर्माण पर लोगों में भारी नाराजगी
चम्पारण टुडे /घोड़ासहन /पूर्वी चम्पारण। घोड़ासहन प्रखंड में जनता की सुविधा के लिए बने एक अहम मार्ग की हालत कुछ ही महीनों में इतनी खराब हो गई है कि अब वह मुसीबत का सबब बन गई है। स्थानीय बाजार से वीरता चौक तक की सड़क और नाली पर बना पुल हाल ही में ढाका विधानसभा से भाजपा विधायक पवन जायसवाल की पहल पर निर्माण हुआ था। लेकिन कुछ ही महीनों में पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया और पूरी सड़क पर गंदा पानी (गजगज पानी) भर जाने से लोगों की परेशानियां.......

चम्पारण टुडे /घोड़ासहन /पूर्वी चम्पारण।
घोड़ासहन प्रखंड में जनता की सुविधा के लिए बने एक अहम मार्ग की हालत कुछ ही महीनों में इतनी खराब हो गई है कि अब वह मुसीबत का सबब बन गई है। स्थानीय बाजार से वीरता चौक तक की सड़क और नाली पर बना पुल हाल ही में ढाका विधानसभा से भाजपा विधायक पवन जायसवाल की पहल पर निर्माण हुआ था। लेकिन कुछ ही महीनों में पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया और पूरी सड़क पर गंदा पानी (गजगज पानी) भर जाने से लोगों की परेशानियां चरम पर पहुंच गई हैं।
निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल :
यह मार्ग घोड़ासहन की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है, जो न केवल बाजार को वीरता चौक से जोड़ता है बल्कि मिडिल स्कूल, झरौखर, कई डॉक्टरों के क्लिनिक, पोस्ट ऑफिस, बनकटवा प्रखंड व नेपाल सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुँच का मुख्य जरिया भी है। विधायक की पहल पर जनता ने खुशी जाहिर की थी, लेकिन निर्माण कार्य की घटिया गुणवत्ता अब उनकी उम्मीदों पर पानी फेर चुकी है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क और पुल के निर्माण में मानक के अनुसार सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया। पुल का टूट जाना और सड़क पर जलजमाव से यह साफ हो गया है कि निर्माण कार्य सिर्फ दिखावे के लिए किया गया था, न कि टिकाऊ और जनहित को ध्यान में रखकर।
"गजगज पानी" बना हादसे का कारण :
नवनिर्मित उबड़ खाबड़ सड़क पर लगातार गंदा पानी जमा हो गया है, जिसे स्थानीय भाषा में "गजगज पानी" कहा जा रहा है। यह न केवल लोगों की दिनचर्या में बाधा बन रहा है, बल्कि कई बाइक और साइकिल सवार फिसलकर चोटिल भी हो रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि ग्राहक अब बाजार आने से कतराने लगे हैं, जिससे उनका रोज़गार भी प्रभावित हो रहा है।
जनता का आक्रोश, जांच की मांग :
क्षेत्र के समाजसेवियों, व्यापारियों और युवाओं ने प्रशासन से इस निर्माण कार्य की जांच कराने और संबंधित ठेकेदार तथा अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि विधायक की नीयत भले ही अच्छी रही हो, लेकिन निर्माण एजेंसी ने उनके भरोसे को धोखा दिया है। स्थानीय निवासी अब्दुल सलाम ने कहा, "हमने उम्मीद की थी कि अब सड़क पर चलना आसान होगा, लेकिन अब पहले से भी बदतर स्थिति हो गई है। अब सड़क नहीं, एक तालाब बन गया है।"
प्रशासन की चुप्पी :
नाला पूल टूटने के कई दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। न ही किसी अधिकारी ने स्थल का निरीक्षण किया है, जिससे जनता में नाराजगी और भी बढ़ रही है।
राजनीतिक असर :
यह मामला धीरे-धीरे राजनीतिक रंग भी लेता जा रहा है। विपक्षी दलों ने इस बहाने भाजपा विधायक पवन जायसवाल को घेरना शुरू कर दिया है, जबकि समर्थक इसे केवल निर्माण एजेंसी की लापरवाही बता रहे हैं।
अंत में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि घोड़ासहन के बाजार से वीरता चौक तक की सड़क और नाली पर बना पुल, जो कुछ महीनों पहले जनता को राहत देने के लिए बना था, अब दर्द और जिल्लत का कारण बन चुका है। घटिया निर्माण, जलजमाव और प्रशासन की चुप्पी ने लोगों को सवाल करने पर मजबूर कर दिया है। आखिर जनता के हक़ का पैसा कब तक यूं ही बर्बाद होता रहेगा?
– रिपोर्ट: राजू सिंह, घोड़ासहन
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